अरुण ‘सत्य’ | समय नेशनल

एक हादसा हुआ, इस हादसे में कई लोगों की जान चली गयी। कुछ लोग राहत कार्य में लगे थे, तो कुछ घायलों को अस्पताल पहुंचाने में लेकिन इस भीड़ में कुछ ऐसे ‘जानवर’ थी शामिल थे तो सिर्फ मौका दे रहे थे कि कैसे अपनी हैवानियत को अंजाम दिया जाए।
और यह हादसा न तो किसी आदम इलाके में हुआ था और न ही किसी आदमखोरों की बस्ती पर। यह हादसा हुआ था भारत की आर्थिक राजधानी और एशिया के सबसे विकसित शहरों में शुमार मुंबई में। हम बात कर रहे हैं कुछ दिन पहले मुंबई के कुर्ला में हुए BEST बस हादसे की।
रात के करीब 9.30 – 9.45 बजे होंगे जब BEST की बस बेकाबू हो गयी। फिर उसके रास्ते में जो भी आया उसे कुचलती चली गयी। इस हादसे में 7 लोगों की जान चली गयी थी और 40 से ज्यादा घायल हुए थे।
जब यह हादसा हुआ, उस वक़्त एक अस्पताल में अटेंडेंट का काम करने वाली 55 साल की फातिमा कनीज अंसारी भी बाकि लोगों की तरह ही बिल्डिंग के नीचे खड़ी थी तभी बेकाबू बस की चपेट में आ गयी। फातिमा अंसारी दूसरे लोगों की तरह खुशनसीब नहीं थी, फातिमा की हादसे में मौत हो गयी।
लोग जब हादसे में घायलों की मदद करने में लगे थे, उन्हें अस्पताल पहुंचाने में लगे थे, उसी भीड़ में ऐसे भी लोग थे जिनकी नज़र घायलों के गहने, कीमती सामान, मोबाइल तलाश रहे थे।
इन हैवानों ने मौका देखते ही फातिमा के गहने गायब कर दिए। यह कोई मनगढंत कहानी नहीं है, हकीकत है।
फातिमा अंसारी के रिश्तेदारों ने इस बाबत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कई संगीन धाराओं के तहत अनजान लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और बहुत ही गहनता से मामले की जांच कर रही है।
मानवता को शर्मसार करने वाली ऐसी घटना मुंबई में हुईं यह और भी शर्म की बात है।