ब्यूरो रिपोर्ट|समय नेशनल

22 फरवरी को तेलंगाना प्रदेश के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन हिस्से में छत का एक हिस्सा गिर गया था. जिसमें 8 मजदूर फंस गए थे. इन मजदूरों को बचाने के लिए 7 दिन से जंग जारी है. NDRF, SDRF और सेना की टास्क फोर्स समेत राहत बचाव की कई टीमें युद्धस्तर पर ऑपरेशन चला रही हैं. इसी बीच एक अपडेट सामने आ रही है राज्य मंत्री कृष्ण राव ने कहा है कि सुरंग ढहने के बाद फंसे चार लोगों के बारे में पता चल गया है.
कब बाहर आएंगे लोग
तेलंगाना में सुरंग ढहने के बाद बचाव अभियान में एक सफलता मिली है, फंसे हुए कुल आठ लोगों में से चार के बारे में पता चल गया है, राज्य के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने शनिवार को यह जानकारी दी. सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी के साथ बचाव अभियान में शामिल अधिकारियों की बैठक में शामिल कृष्ण राव ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में काफी प्रगति हुई है. सुरंग में संवाददाताओं से उन्होंने कहा, “मेरे विचार से, रडार के जरिए चार लोगों के बारे में पता चल गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि रविवार शाम तक उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा.
बचने की कम संभावना
उन्होंने कहा कि अन्य चार लोग सुरंग बोरिंग मशीन (टीबीएम) के नीचे फंसे हुए प्रतीत होते हैं. जिन चार लोगों के बारे में पता चला है, उनकी स्थिति के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने याद दिलाया कि उन्होंने पहले दिन ही कहा था कि बचने की संभावना बहुत कम है. उन्होंने बताया कि 450 फीट ऊंची टीबीएम को काटा जा रहा है. इस अभियान में करीब 11 एजेंसियों के कर्मचारी शामिल हैं.
विपक्षी दलों द्वारा अभियान में देरी की आलोचना किए जाने का जिक्र करते हुए कृष्ण राव ने कहा कि इस प्रयास में शामिल लोग विशेषज्ञ हैं, लेकिन सुरंग के अंदर कीचड़ सहित अन्य स्थितियों को देखते हुए बचाव कार्य जटिल है.
पोर्टेबल कैमरे का इस्तेमाल
फंसे मजदूरों को निकालने के लिए कैमरा लगे ड्रोन, और पोर्टेबल कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है. टनल के अंदर कृष्णा नदी का पानी लगातार रिस रहा है. जिससे अंदर कीचड़ और मलबा होने से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं. हालाकि टनल से पानी निकालने के लिए कई पंप लगाए गए हैं. नागरकुरनूल के एसपी वैभव गायकवाड़ के मुताबिक, एक तरफ बड़े बड़े पंप के जरिये टनल से पानी निकाला जा रहा है. वहीं राहत बचाव की कई टीमें सुरंगे के कीचड़ निकालने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं. (पीटीआई)