प्रतिनिधी|समय नेशनल

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब दिल्ली सरकार के नए नियमों के अनुसार, 1 जुलाई 2025 से 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को किसी भी पेट्रोल पंप पर फ्यूल नहीं दिया जाएगा. यह नियम कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के निर्देशों के अनुसार लागू किया गया है.
कैसे होगी निगरानी?
इस नियम की निगरानी और लागू करने के लिए दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन कर उसकी उम्र पहचानेंगे और यदि गाड़ी प्रतिबंधित श्रेणी में आती है, तो उसे फ्यूल नहीं दिया जाएगा. यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसकी गाड़ी जप्त की जा सकती है और मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत उस पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
अब वाहन मालिकों के पास क्या विकल्प हैं?
दरअसल, ये नियम 2014 और 2018 के उन आदेशों से जुड़ी है, जिनमें NGT और सुप्रीम कोर्ट ने इन पुराने वाहनों की पार्किंग और संचालन पर रोक लगाई थी. अब 2025 से सरकार फ्यूल सप्लाई भी बंद कर रही है ताकि नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके. यदि आपकी गाड़ी इस नियम के दायरे में आती है, तो आपके पास दो विकल्प हैं- पहला, गाड़ी को सरकारी स्क्रैपिंग सेंटर में स्क्रैप कराना, जिसके बदले में सरकार की ओर से कुछ इंसेंटिव मिल सकते हैं, दूसरा, गाड़ी को NCR क्षेत्र से बाहर ट्रांसफर करना, जिसके लिए NOC यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा.
क्या इससे बदलेगी हवा की गुणवत्ता?
सरकार का मानना है कि इस कदम से दिल्ली की सड़कों पर पुराने धुआं छोड़ने वाले वाहनों की संख्या घटेगी, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा और लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा. इसलिए, अगर आपकी गाड़ी 10 साल पुरानी डीजल या 15 साल पुरानी पेट्रोल है, तो अभी से तैयारियां शुरू करें. अगर वह गाड़ी बेचनी हो, स्क्रैप करानी हो या फिर नए BS6 या इलेक्ट्रिक वाहन में अपग्रेड करना हो तो जल्द करें.