“बिजली परिषद” में उमड़ा जनसैलाब
“बिजली परिषद” में अडानी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी और हजारों की संख्या में लोग हुए शामिल
दशकों बाद भी वनविभाग में बसे लोगों को नहीं मिल रहा हक का बिजली और पानी – अरुण गुप्ता(पत्रकार/समाजसेवक)
महेश गुप्ता
मुंबई : मलाड पूर्व के कुरार विलेज स्थित अंबेडकर नगर का मैदान आज मानो क्रांति का गवाह बन गया। हजारों झोपड़पट्टीवासियों ने अपनी पीड़ा लेकर पूर्व सांसद संजय निरुपम के सामने अपनी आवाज़ बुलंद की। यह वे लोग थे जो पचीसों तीस सालों से बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे थे और माफियाओं के चंगुल में फंसे हुए थे।

मुंबई जैसे महानगर में, जिसे सपनों की नगरी कहा जाता है, हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा कोई क्षेत्र भी होगा, जहां लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसेंगे। जहां एक तरफ इस शहर की चमचमाती गगनचुंबी इमारतें और हाई-फाई मॉल्स इसकी शान बढ़ाते हैं, वहीं दूसरी तरफ यहां के कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां आज भी बिजली और पानी जैसी बुनियादी जरूरतें भी लग्जरी बन गई हैं। क्या यह वही मुंबई है, जो पूरे देश को आर्थिक ताकत का चेहरा दिखाती है? कुछ माफिया इन लोगों की लाचारी और मजबूरी का फायदा उठाकर उनका हक छीन रहे हैं, और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा था। इन झुग्गीवासियों की हालत देखकर यही लगता है कि उनकी जिंदगी बस माफियाओं की लूट और सिस्टम की अनदेखी के बीच पिसने के लिए छोड़ दी गई थी।
अब इन लोगों की आवाज़ उठाने संजय निरुपम मैदान में उतरे और आज बिजली परिषद सभा में शिरकत की । संजय निरुपम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि देश के किसी भी हिस्से में, किसी भी जमीन पर रहने वाले व्यक्ति को बिजली, पानी, शौचालय और सड़क जैसी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता। यही हमारा अधिकार है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस अधिकार को हथियार बनाकर अब अंबेडकर नगर, क्रांति नगर, संजय नगर, जामऋषि नगर और पिंपरी पाड़ा जैसे इलाकों में वनविभाग की जमीन पर रहने वालों को उनका हक दिलाया जाएगा।

संजय निरुपम के समक्ष सभा में मौजूद लोगों ने अपने दिल के जख्म खोलकर रख दिए। एक पीड़ित ने कहा, “हमने अपने घरों में बिजली लेने के लिए माफियाओं को रुपए दिए। पानी लाने का अलग पैसा दिया।हम जैसे ग़रीब लोगो से इन माफिया लोगो ने अपना अवैध रूप से बिजली विभाग चला रहे थे और करोड़ो रुपये कमाए । हम आज भी एक बल्ब जलाने और एक पंखा चलाने के लिए 2000-3000 रुपए महीना देते हैं। फिर भी दिन में कई बार लाइट काट दी जाती है।”
जनता ने संजय निरुपम से बताया की इन माफियाओं ने जनता से तो करोड़ों लूट लिए, लेकिन बिजली विभाग अदानी पावर का करोड़ों का बिल आज भी बाकी है। यह सब खत्म करने का समय आ गया है।
बिजली परिषद के आयोजक स्थानीय निवासी पत्रकार अरुण गुप्ता ने लोगों की पीड़ा सभी के समक्ष रखी और निवेदन किया की यहां बसे लोगों को अब तो उनके हक का बिजली, शौचालय और पानी मिले। शिवसेना विभागप्रमुख- गणेश शिंदे और अदानी पावर के अधिकारी किरण शिंदे और सत्यजीत बराड़कर की मौजूदगी में निरुपम ने ऐलान किया कि अब हर झोपड़पट्टीवासी को उसके नाम पर लाइट का कनेक्शन मिलेगा। इसके लिए कोई रिश्वत नहीं दी जाएगी, और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी, कोई माफिया या अधिकारी आपसे एक भी रुपया नहीं वसूल सकेगा।

सभा में निरुपम ने अपने चित परिचित अंदाज़ में कहा, “मैं चुनाव भले ही हार गया हूं, लेकिन हिम्मत नहीं हरा हूँ और अपने वादे पूरे करने का जज़्बा नहीं हारा हूं। अगर आप लोग मेरा साथ देंगे, तो आपके घरों में लाइट और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचेंगी।”
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में पत्रकार अरुण गुप्ता, शिवसैनिक मिथुन सिंह, मुन्ना यादव, अमित स्वामी, राहुल खड़ताले, संदीप डांगे, दिनेश गुप्ता, महेश गुप्ता, अमित राय, प्रदीप सिंह, मुन्ना सिंह और किशन पांडे जैसे लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अब सवाल यह उठता है: जो माफिया जनता के पैसे पर ऐश कर रहे हैं, क्या वे अपने किए अवैध कालाबाजारी का हिसाब देने के लिए तैयार हैं? या फिर एक और क्रांति का सामना करने के लिए तैयार रहें?