ब्यूरो रिपोर्ट|समय नेशनल
शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई. सेंसेक्स 1,395 अंक (1.87 फीसदी) और निफ्टी 428 अंक (1.9 फीसदी) टूट गया. यह गिरावट पिछले साल सितंबर से जारी है, जब से बाजार अपने ऑल-टाइम हाई से नीचे आया है. तब से सेंसेक्स 16 फीसदी (12,256 अंक) और निफ्टी 18 फीसदी (3,991 अंक) टूट चुका है. निवेशकों का करीब 18 फीसदी पैसा डूब चुका है.
क्या है गिरावट की वजह?

शेयर बाजार की गिरावट के पीछे कई वजहें हैं. इसमें एक वजह विदेशी निवेशकों की बिकवाली. FPI पिछले साल अक्टूबर से लगातार बिकवाली कर रहे हैं. उन्होंने अब तक 2.13 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. इसके अलावा, ट्रंप के टैरिफ प्लान से भी बाजार पर असर पड़ रहा है.
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है. इससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी है. वहीं, एशियाई बाजारों में गिरावट भी इसके पीछे की वजह है. जापान का निक्केई 3 फीसदी, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.7 फीसदी और हांगकांग का हेंग सेंग 1.5 फीसदी टूट गया है.
मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों पर मार
बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स: 3.30 फीसदी गिरा
बीएसई मिड-कैप इंडेक्स: 2.90 फीसदी गिरा
म्यूचुअल फंड्स का AUM
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का AUM जनवरी 2025 में 1.1 लाख करोड़ रुपये (3.26 फीसदी) घटकर 29.46 लाख करोड़ रुपये रह गया.
स्मॉल-कैप फंड्स: 23,665 करोड़ रुपये (7.19 फीसदी) की गिरावट
मिड-कैप फंड्स: 26,600 करोड़ रुपये (6.65 फीसदी) की गिरावट
निवेशकों पर क्या असर हुआ?
2024 में बड़ी संख्या में बाजार में आए रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. चाहे वे सीधे शेयर खरीदें या म्यूचुअल फंड के जरिए, दोनों ही मामलों में उनकी पूंजी डूबी है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार को अनिश्चितता पसंद नहीं है और ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से यह अनिश्चितता बढ़ी है. ट्रंप के टैरिफ प्लान ने बाजार को प्रभावित किया है. चीन पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा से यह साफ है कि ट्रंप अपने कार्यकाल के शुरुआती महीनों में देशों को टैरिफ से डराकर अमेरिका के लिए फायदेमंद समझौते करना चाहते हैं.